अमेठी फिर दिग्गज किलर: तोड़ा घमंड- किशोरी लाल पर भरोसा
नई दिल्ली:भारत की जनता की साझी बुद्धिमत्ता का परिणाम सामने है,इसलिए किसी भी पार्टी या नेता को खुद को असाधारण और कानून या सविधान से ऊपर नहीं समझना चाहिए, भारत का लोकतंत्र परेशान जरूर था किन्तु हारा नहीं था.
भारत की राजनीति अब फिर से पटरी पर आयी है, जो पिछले 10 सालों से ऐसे लोगों के हाथ में बंधक थी जो भारत के आम आदमी की चिंता किये बिना,उनके अधिकारों और सामान्य जीवन के लिए जरूरी सुविधावों के खिलाफ सिर्फ अपने मन की और अपने यार दोस्तों के फायदे के लिए दिन रात लूटने में लगा था. सारी सरकारी मशीनरी भी एक तरह से बंधक बना ली गयी थी
भारत की जनता ने मोदी राज की कार्यप्रणाली को देश के लिए खतरनाक समझते हुवे उस पर अपनी कलेक्टिव इंटेलिजेंस का उपयोग करते हुवे बीजेपी के पंख क़तर दिए जिससे वे कोई भी निर्णय एकतरफा न ले सकें, उन्हें विपक्ष को भी साधना पड़ेगा जिससे NDA सरकार अपना सामान्य कार्य कर सके.
बेशक मोदी जी एक दो दिन में सरकार बना लें, किन्तु नितीश के पैरों में स्प्रिंग लगी है, और सरकार अगले दिन रहेगी या जाएगी ये दर्द अब रोज रहने वाला है. क्योकि 272 से बीजेपी बिना और MP ख़रीदे,आराम से नहीं बैठ सकते।
वैसे भी अमित शाह की फितरत है चोर चोरी से हेरा फेरी से नहीं जाता, वे कुछ न कुछ तिकड़म तो करेंगे ही ये भी ध्यान रखने वाली बात है.
कोई आश्चर्य नहीं की बीजेपी अपने पैसे के दम पर कम से कम 40 MP हर विपक्षी पार्टी के साथ-2 नितीश और चंद्रबाबू के MP को खरीदने की कोशिस जरूर करेंगें।
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