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मोदी के दोस्त डोनाल्ड ट्रम्प ने दुनिया भर के देशों पर बढ़ाया टेरिफ: भारत पर भी होगा असर, घटेगा एक्सपोर्ट होगा, हर वर्ष 61 हजार करोड़ का नुक्सान, अब क्या करेंगे मोदी जी !




ट्रम्प बोले- 2 अप्रैल से भारत पर 100% टैरिफ लगाएंगे: अमेरिकी संसद में दिए पहले भाषण में ऐलान, किन्तु पकिस्तान को धन्यवाद (आतंकी को सौंपने के लिए )

क्या होता है टेरिफ (आयात पर टैक्स ) ?

अमेरिका 2 अप्रैल से भारत पर 'जैसे को तैसा ' की तर्ज पर रेसिप्रोकल टैरिफ लगाएगा। इसका मतलब यह कि भारत जितना टैरिफ अमेरिकी कंपनियों से आने वाले सामान पर लगाएगा, अमेरिका भी उतना ही टैरिफ भारतीय कंपनियों के अमेरिका जाने वाले सामान पर लगाएगा।

टैरिफ दूसरे देश से आने वाले सामान पर लगाया जाने वाला टैक्स है। जो कंपनियां विदेशी सामान देश में लाती हैं, वे सरकार को ये टैक्स देती हैं। मतलब यदि कोई बाइक अमेरिका में 10000 डॉलर की है और उसे भारत में आयात किया जाता है तो उस पर भारत सरकार 100 % टैक्स लगाती है जिससे वह बाइक भारत में दूगनी कीमत में पड़ती है (भारत यह इसलिए करता है की ग्राहक भारतीय बाइक को ही खरीदें क्योकि उस पर आयात टैक्स नहीं होता इसलिए उनकी कीमत कम रहती है).  

रेसिप्रोकल टैरिफ का मतलब क्या है?

रेसिप्रोकल का मतलब होता है- तराजू के दोनों पलड़े को बराबर कर देना। यानी एक तरफ 1 किलो भार है तो दूसरी तरफ भी एक किलो वजन रख कर बराबर कर देना।

ट्रम्प इसे ही बढ़ाने की बात कर रहे हैं। यानी भारत अगर कुछ चुनिंदा वस्तुओं पर100% टैरिफ लगाता है, तो अमेरिका भी उस तरह के प्रोडक्ट्स पर 100% टैरिफ लगाएगा। 

ट्रम्प सरकार ऐसा किसलिए करना चाहती है ?

ये दरअसल ट्रम्प का पहले अमेरिका की इकॉनमी को बूस्ट करने का सपना है साथ ही वह अमेरिका पर पड़ने वाले आयात टैक्स भार (टैरिफ ) से होने वाले नुक्सान को कम करना चाहता है साथ ही इससे अमेरिकी मैन्युफैक्चरिंग को भी बढ़ावा मिलेगा और रोजगार भी बढ़ेंगें।  

अमेरिका में आयात का 40% से अधिक हिस्सा चीन, मैक्सिको और कनाडा से आए सामानों का था। कम टैरिफ से अमेरिका को व्यापार घाटा हो रहा है। कुल मिलाकर ये तीनों देश 2023 में अमेरिका के 670 अरब डॉलर यानी करीब 40 लाख करोड़ रुपए के व्यापार घाटे के लिए जिम्मेदार हैं।

इसलिए 4 मार्च 2025 से मेक्सिको और कनाडा पर 25% टैरिफ लागू हो गया है। चीन पर भी अतिरिक्त 10% टैरिफ लागू हो गया है। 2 अप्रैल से भारत पर भी रेसिप्रोकल टैरिफ लगने जा रहा है।

भारत पर क्या असर होगा ?

एक्सपोर्ट महंगा होगा और घटेगा : रेसिप्रोकल टैरिफ से फूड प्रोडक्ट, टेक्सटाइल्स, कपड़े, इलेक्ट्रिकल मशीनरी, जेम्स एंड ज्वेलरी, फार्मास्यूटिकल्स और ऑटोमोबाइल जैसे इंडियन एक्सपोर्ट अमेरिकी बाजार में महंगे हो सकते हैं। इससे ये सामान वहां महंगे होने से प्राइस कम्पटीशन में टिक नहीं पाएंगे।

भारत का इंपोर्ट (आयात) बढ़ सकता है:  अमेरिका के ज्यादा टैरिफ से बचने के लिए अगर भारत अमेरिकी सामानों पर टैरिफ घटाता है, तो अमेरिकी चीजें भारतीय बाजार में सस्ती हो जाएंगी। इससे इन सामानों का इंपोर्ट बढ़ सकता है। और भारत की मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्री को इससे सीधा नुकसान होगा, भारतीय सामानो को अमेरिकी सामानों के साथ कम्पटीशन करना पड़ेगा, भारतीय इंडस्ट्री को सीधा नुक्सान होने की पूरी संभावना है.  

रुपया कमजोर हो सकता है: ज्यादा इंपोर्ट का मतलब डॉलर की ज्यादा डिमांड। इससे रुपया कमजोर होगा और भारत का इंपोर्ट बिल बढ़ जाएगा। इसका मतलब अब अमेरिका से सामान खरीदने के लिए ज्यादा पैसे चुकाने होंगे।

7 बिलियन डॉलर का नुकसान: टैरिफ से भारत के ऑटो से लेकर कृषि तक के एक्सपोर्ट सेक्टर में चिंता बढ़ गई है। बिजनेस एनालिस्ट का मानना है कि ट्रम्प के टैरिफ बढ़ाने से भारत को हर साल लगभग 7 बिलियन डॉलर (61 हजार करोड़ रुपए) का नुकसान हो सकता है।


चीन में फिर से कोरोना जैसा वाइरस HMPV फैला, रहें बचके 


क्या है HMPV खतरनाक ?
 

खुद को कैसे सुरक्षित रखें?

हाल ही में चीन में एक नए वायरस, ह्यूमन मेटाप्नेयूमोवायरस (HMPV), का प्रकोप देखा गया है, जिसने लोगों के बीच चिंता बढ़ा दी है। यह वायरस श्वसन तंत्र को प्रभावित करता है और विशेष रूप से बच्चों, बुजुर्गों और कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोगों के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। इस ब्लॉग में हम HMPV के बारे में जानकारी, इसके लक्षण, प्रसार के तरीके, और इससे बचाव के उपायों पर चर्चा करेंगे।

HMPV (Human Metapneumovirus) क्या है?

HMPV एक प्रकार का श्वसन वायरस है जो पहली बार 2001 में खोजा गया था। यह पैरामाइक्सोवायरस परिवार से संबंधित है और आमतौर पर ठंड, बुखार और अन्य श्वसन संक्रमणों के लिए जिम्मेदार होता है। यह वायरस अक्सर निमोनिया और ब्रोंकाइटिस जैसी गंभीर बीमारियों का कारण बन सकता है।

HMPV के लक्षण

HMPV के लक्षण आम सर्दी से मिलते-जुलते हो सकते हैं, लेकिन कुछ मामलों में ये गंभीर हो सकते हैं। प्रमुख लक्षण इस प्रकार हैं:

बुखार

नाक बहना या बंद होना

खांसी और गले में खराश

सांस लेने में कठिनाई

थकावट और कमजोरी

छाती में दर्द (गंभीर मामलों में)

बच्चों में इसके लक्षण तेजी से बिगड़ सकते हैं और अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता हो सकती है।

HMPV कैसे फैलता है?

यह वायरस संक्रमित व्यक्ति के खांसने, छींकने, या संपर्क में आने से फैलता है। वायरस:

ड्रॉपलेट्स के माध्यम से: जब कोई संक्रमित व्यक्ति खांसता या छींकता है।

संक्रमित सतहों से: जैसे दरवाज़ों के हैंडल, खिलौने, या अन्य चीज़ों को छूने के बाद हाथों को मुंह, नाक, या आंखों पर लगाने से।

सीधे संपर्क से: संक्रमित व्यक्ति के साथ नज़दीकी संपर्क से।

खुद को HMPV से कैसे सुरक्षित रखें?

HMPV से बचाव के लिए निम्नलिखित उपाय अपनाए जा सकते हैं:
1. हाथ धोना
साबुन और पानी से नियमित रूप से कम से कम 20 सेकंड तक हाथ धोएं।
अल्कोहल-बेस्ड हैंड सैनिटाइज़र का उपयोग करें यदि साबुन उपलब्ध न हो।

2. मास्क पहनें

भीड़-भाड़ वाले स्थानों में मास्क पहनना न भूलें।
खांसने या छींकने के दौरान अपनी नाक और मुंह ढकें।

3. सतहों को साफ करें
दरवाज़ों के हैंडल, मोबाइल फोन, और अन्य रोज़मर्रा की वस्तुओं को नियमित रूप से सैनिटाइज़ करें।

4. भीड़-भाड़ से बचें

संक्रमित लोगों के संपर्क में आने से बचें।

घर में अगर कोई संक्रमित है, तो अलग कमरे में रहे और उसके बर्तन व अन्य सामान अलग रखें।

5. स्वस्थ आदतें अपनाएं

पौष्टिक भोजन करें और प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाएं।
पर्याप्त नींद लें और नियमित व्यायाम करें।

6. स्वास्थ्य सेवा से संपर्क करें

यदि किसी को HMPV के लक्षण दिखाई दें, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

बच्चों या बुजुर्गों में सांस लेने में कठिनाई हो तो इसे गंभीरता से लें।

HMPV एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या हो सकती है, खासकर उनके लिए जिनकी प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर है। हालांकि, सही सावधानियों और समय पर चिकित्सा सलाह से इसे रोका और नियंत्रित किया जा सकता है।
अगर आप या आपके आसपास किसी में HMPV के लक्षण दिखें, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें और ऊपर दिए गए बचाव के उपाय अपनाएं।
सावधान रहें, सुरक्षित रहें!


ईरान का इजराइल पर भारी हमला: 200 से ज्यादा रॉकेट बरसे इजराइल पर 



ईरान ने आखिर इजराइल पर मिसाइलों से हमला कर दिया साथ ही लगभग 20 के लगभग इसरायली फाइटर प्लेन भी इस अटैक में नष्ट कर दिए का दवा भी कर दिया । इससे तेलअवीव में हाहाकार मच गया. पूरे इजरायल में सायरन की आवाज सुनी जा रही थी.

इजरायल, जॉर्डन और इराक ने अपने एयरस्पेस को बंद कर दिया है. इस कारण इन देशों के आसमान में अब किसी तरह की कोई एक्टिविटी नहीं होगी. वहीं, इजरायली डिफेंस फोर्सस यानी आईडीएफ ने कहा है कि ईरानी हमले में कोई हताहत नहीं हुआ है और उसने ईरान के इस हमले का जवाब अपने ढंग से देने का दावा किया।  
अब ईरान में हिजबुल्लाह की मौत का बदला लेने का जश्न जरूर है, किन्तु आम ईरानी नागरिक अब थोड़ा घबराया हुआ भी है, क्योकि इजराइल आज नहीं तो कल ईरान पर हमला जरूर करेगा, सब जानते हैं. 


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