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NEET UG 2024 Paper Leaked

NEET UG 2024 पेपर लीक स्कैमर के हाथों में:

ओम बिरला के इशारे पर फिर से :NEET UG Exam घोटाले पर राहुल गाँधी और मल्लिकार्जुन खड़गे का माइक म्यूट कराया, कहा ये मुद्दा संसद की गरिमा के खिलाफ, नहीं लिया विपक्ष का सवाल, पिछली सरकार में हुई खुल्लमखुल्ला  संसद में विपक्ष की बार बार अनदेखी, इस बार भी संसद में पहले ही दिन से देखने को मिलने लगी. ओम बिरला ने पूरे देश के  सामने झूठ बोलते हुवे कहा की मेरे पास बटन नहीं, जबकि संसद को चलाने के पीछे पूरा कण्ट्रोल सिस्टम काम करता है जिसमें ओम बिरला के इशारे पर किसी का भी माइक म्यूट (आवाज जीरो) या अनम्यूट (आवाज काम या ज्यादा) की जा सकती है.

किसे बचने की जुगत में है सरकार ? 

NEET exam में हुई धांधली को दबाने के प्रयास किये जा रहे हैं, चाहे इस मामले में सीबीआई की भी एन्ट्री हो चुकी हो, किन्तु जांच तो सालों चल सकती है, मुख्य  मुद्दा हाल ही में हुई NTA के भीतर से जो भी धांधली हुई  थी उसकी वजह से इस परीक्षा को निरस्त कर तुरंत किसी और संस्था द्वारा इसे कराया जाना चाहिए था जिससे भविष्य में इस तरह के काण्ड न हो सकें, सीबीआई की जांच तो सालों चलती रहेगी उससे बच्चो के नए एग्जाम से अलग रखना चाहिए, जाँच मुकम्मल भी होनी चाहिए जिससे NEET के असली गुनहगार सलाखों के पीछे पहुंचें और भविष्य के लिए नजीर बने.

किन्तु सरकार के काम करने के ढंग से ऐसा लग नहीं रहा की सरकार इस पर कुछ वास्तविक कदम उठाएगी, उलटे सरकार के मंत्री जाँच होगी कमेटी बैठाई गयी है जैसी बातें कर रहे है ताकि लोग थकहार कर बबैठ जाये और जिन लोगों ने NEET एग्जाम में हेराफेरी की है वे बच जाएं।

सरकार का मकसद बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ का ज्यादा लग रहा है, और आम जनता के मुद्दे बीजेपी के नेताओं को महत्वपूर्ण नहीं लग रहे.





NEET UT Exam 2024 देश के 571 शहरों के 4750 सेण्टरों पर और विदेश में 14 सेंटरों पर लिए गए थे तथा  इसमें लगभग  24 लाख बच्चों ने हिस्सा लिया था जो  भविष्य में डॉक्टर बनने का सपना संजोये हैं.

NEET UG में हुवे पेपर लीक घोटाला कहीं बाहर से नहीं बल्कि NTA के रसूखदार अफसरों की मिलीभगत के बिना संभव नहीं, क्योकि पेपर एक दिन पहले NTA से कैसे बाहर आ रहा, इसमें कौन -2 शामिल हैं, पता लगाना इतना मुश्किल नहीं, सिर्फ मामले को दबाने में लगी सरकार।  
अब तो बिहार से लगातार हो रही गिरफ्तारी, फिर भी NEET नहीं किया निरस्त:

धर्मेंद्र प्रधान बार बार बदल रहे स्टेटमेंट: धर्मेंद्र प्रधान शिक्षा मंत्री अभी तक यह मानने को तैयार नहीं की NEET UG 2024 में पेपर बड़े लेवल पर लीक ही नहीं हुआ बल्कि NTA के अंदर से ही नीट पेपर लीक महा घोटाला।
 
NTA  के मुखिया की भूमिका पूरी तरह से संदेह के घेरे में है, और इसकी जांच भी उन्ही के द्वारा होगी तो इससे बड़ा मजाक कोई हो नहीं सकता।

किसे बचाने की कोशिस हो रही है, प्रधान मंत्री अब फिर चुप बैठे हैं, भयानक  गर्मी में छात्र सड़कों पर हैं, और मोदी जी चुप हैं, क्या बीजेपी के लोग हैं इसके पीछे ? 

सीबीआई जाँच के साथ नीट परीक्षा को निरस्त करने में क्यों हिचक रहे हैं मंत्री जी 
घोटालों -घूसखोरी पर जीरो टॉलरेंस का जुमला केवल जुमला भर है ये साबित होता जा रहा है.
बीजेपी और प्रधान मंत्री को घोटालेबाजों से कोई गुरेज नहीं है, ये तो मुर्ख जनता के लिए बोले जाने वाले जुमले हैं जिसे सुन कर जनता ताली बजती है और भक्ति में लींन रहती है.


NTA ने सैकड़ों को टॉपर बनाया: पेपर लीक और NEET में चीट से लगभग 1 लाख बच्चे 650 नम्बर लेकर सेकंड टॉपर बनाये। 67 स्टूडेंट्स बने 720/720 लेकर टॉपर। ग्रेस मार्क्स की गंगा बही

सुप्रीम कोर्ट ने एडमिशन काउंसलिंग पर रोक लगाने से इंकार कर दिया साथ ही 1500 बच्चो को जिन्हें ग्रेस मार्क्स दिए गए उनको दोबारा पेपर देना पड़ेगा या ग्रेस मार्क्स के बिना अड्मिशन कॉउंसलिंग के लिए जाना पड़ेगा। 
गोधरा गुजरात में अलग अलग प्रदेश से आये  26 बच्चों को अच्छे मार्क्स मिल गए या ये बच्चे जान बुझ कर गोधरा के उन सेंटरों पर भेजे गए, उसमें बिना NTA की मिलीभगत के संभव नहीं  या झझ्झर के केस जिसमें एक ही सेंटर के 6 बच्चों को टॉप के रैंक मिल गए, जबकि हर साल 1 या 2 बच्चे ही सभी बच्चों में टॉप कर पते थे, किन्तु  NTA सुनने को तैयार नहीं। 

कौन है नीट में चीट का असली नटवरलाल ? चिंटू पिंटू या संजीव मुखिया या असली मुखिया NTA के अंदर बैठा कोई साहब 
  
देश के कोने-कोने से इन दिनों NEET परीक्षा को लेकर सवाल उठ रहे हैं. सुप्रीम कोर्ट ने भी आज ये कहा है कि जितनी श‍िकायतें देश भर से आ रही हैं, उससे लग रहा है उससे ऐसा लग रहा है दाल में कुछ तो काला है.
NEET  (NTA ) की विश्वनीयता पर सवाल उठ रहे हैं, देश में बार बार पेपर लीक जैसी घटनाएं बढ़ रहे हैं. 




NEET UG की परीक्षा पास करने के बाद उससे मिले रैंक के आधार पर मेडिकल कॉलेज में एडमिशन दिया जाता है, किन्तु जिस तरह से कुछ बच्चो के मार्क्स बढ़ाये गए या ग्रेस मार्क्स दिए गए उससे NTA की कार्यप्रणाली साल उठ रहे है. 
ऐसे आरोप लगे हैं की कुछ स्टूडेंट्स के मार्क्स बढ़ाये गए इससे उन स्टूडेंट्स को फायदा मिला, जिन्होंने काम मेहनत की और उन स्टूडेंट्स को नुक्सान हुआ जिन्होंने ईमानदारी से पेपर दिया और अच्छे परफॉर्म करने के बाद भी उनको सीट नहीं मिल पायेगी क्योकि कुछ स्टूडेंट्स को अधिक मार्क्स दिए या ग्रेस मार्क्स से उनके मार्क्स बढ़ाये गए.

किन्तु बार बार पेपर लिक से ऐसा लग रहा है की देश में प्रश्न पत्र लीक करवाने का कोई गैंग काम कर रहा है और उसकी घुसपैठ NTA में अंदर तक है. देश में सैकड़ों नहीं लाखों कोचिंग सेण्टर चल रहे हैं, और लग रहा है इन्ही कोचिंग सेंटर को फायदा पहुंचाने के लिए देश में एक नहीं कई गैंग काम कर रहे हैं. 

क्योकि बार  बार पेपर लीक  की घटनाएं बता रही हैं की ये किसी एक आदमी का काम  नहीं बल्कि किसी संगठित गैंग का काम है जिसके पास पैसे और संसाधनों के साथ NTA में अंदर तक घुसपैठ की कमीं नहीं है.
अब देखना ये है की सरकार और सरकार की एजेंसियां इस पर क्या कदम उठाती हैं और देश के भावी डॉक्टरों के भविष्य का कितना ख्याल रखती हैं 

NTA का गठन परीक्षाओं में गड़बड़ी को रोकने के लिए किया गया था किन्तु अब NTA खुद गड़बड़ी कर के बच्चो से करोड़ों कमाने का केंद्र बन गया है.