दिल्ली-रोहिणी में एनकाउंटर: बिहार के मोस्ट वांटेड गैंगस्टर रंजन पाठक समेत चार बदमाश ढेर
बिहार का कुख्यात रंजन पाठक एनकाउंटर में ढेर, साथियों संग मिला पुलिस का जवाब
दिल्ली की सड़कों पर मंगलवार देर रात फिल्मी स्टाइल में गोलियां चलीं।
बिहार के सीतामढ़ी का नामी बदमाश रंजन पाठक आखिरकार दिल्ली पुलिस की गोलियों से ढेर हो गया। उसके साथ उसके तीन साथी भी मारे गए — और ये चारों बिहार-नेपाल बॉर्डर से लेकर दिल्ली तक आतंक मचाए हुए थे।
⚡ कौन था रंजन पाठक?
रंजन पाठक, बिहार के सीतामढ़ी जिले के मलाही गांव का रहने वाला था। उम्र बस 25 साल और अपराधों की लिस्ट इतनी लंबी कि पुलिस वाले नाम सुनते ही सतर्क हो जाते थे।पिता मनोज पाठक जेल में बंद हैं, माँ अनीता देवी गांव की सरपंच हैं। यानी घर में सत्ता भी थी, और डर भी।
शराबबंदी के बाद रंजन ने अवैध कारोबार, रंगदारी और हथियारों की सप्लाई से अपना “बिजनेस” बढ़ाया। धीरे-धीरे उसने ‘सिग्मा एंड कंपनी गैंग’ बना लिया जो बिहार, नेपाल और दिल्ली तक फैला था।
💥 कैसे हुआ एनकाउंटर?
दिल्ली पुलिस को खबर मिली थी कि रंजन अपनी टीम के साथ रोहिणी इलाके में छिपा हुआ है और चुनाव के वक्त कोई बड़ी वारदात करने की फिराक में है।
रात करीब 2 बजे पुलिस ने घेराबंदी की।
जैसे ही पकड़ने की कोशिश हुई — रंजन ने फायरिंग शुरू कर दी।
पुलिस ने भी जवाबी कार्रवाई की… और कुछ ही मिनटों में रंजन पाठक समेत चारों बदमाश ढेर हो गए।
🔫 मारे गए बदमाशों के नाम
-रंजन पाठक – गैंग लीडर-बिमलेश महतो उर्फ साहनी – रंजन का दाहिना हाथ
-मनीष पाठक
-अमन ठाकुर पुलिस ने मौके से भारी मात्रा में हथियार, कारतूस और मोबाइल जब्त किए हैं।
🚨 पुलिस का बयान
दिल्ली पुलिस के मुताबिक,
रंजन पाठक और उसकी गैंग दिल्ली में किसी बड़ी वारदात की तैयारी में थे। एनकाउंटर पूरी तरह नियमों के तहत हुआ। अब इस गिरोह का आतंक खत्म हो गया है।”
🗳️ बिहार चुनाव से कनेक्शन
सूत्रों के मुताबिक, रंजन चुनाव के दौरान हिंसा और धमकियों के जरिए राजनीतिक ताकत हासिल कर बाहुबली नेता बनना चाहता था।इसलिए दिल्ली पुलिस और बिहार पुलिस की टीम ने मिलकर उसे पहले ही निपटा दिया।
%20(1).webp)