पीरियड में भारी रक्तस्त्राव ! क्या करें ?
पीरियड के दौरान यदि ब्लीडिंग हेवी हो तो ये एक चिंता की बात है, साथ ही महिलाओं को इससे शारीरिक के साथ साथ मानसिक परेशानी भी बहुत होती है.
हैवी ब्लीडिंग के कारण महिलाएं हर समय अपनी इसी परेशानी से उबरने के प्रयास में लगी रहती हैं. इसी के चलते महिलाएं तरह तरह के उपायों को अपनाने में लगी रहती हैं चाहे वे सुरक्षित हों या नहीं। ऐसी परिस्थियियों में महिलाएं चिड़चिड़ी, कमजोर और बीमार जैसी हो जाती हैं, कभी कभी तो भारी रक्तस्त्राव के चलते इमरजेंसी जैसी स्थिति में हॉस्पिटल में भर्ती करना पड़ता है, जिससे उनकी जान बच सके.
मेनोरजिआ (पीरियड में भारी रक्तस्त्राव) के कारण:
A )फ्राइब्रॉइड: गर्भाशय फाइब्रॉएड गैर-कैंसरयुक्त मांसपेशी ट्यूमर हैं जो भारी मासिक धर्म रक्तस्राव का कारण बन सकते हैं। गर्भाशय फाइब्रॉएड वाले लगभग 30% रोगियों को मासिक धर्म में भारी रक्तस्राव का अनुभव होता है, जिसे मेनोरेजिया भी कहा जाता है
गर्भाशय के फाइब्रॉइड के अन्य लक्षण:
- पेडू में दर्द
- बाँझपन
- मूत्राशय की समस्यायें
-खून की कमी (लम्बे समय तक रक्तस्त्राव के कारण )
-बढ़ा हुआ पेट या कमर
-गर्भपात
B) हार्मोन्स के स्त्राव का असंतुलित होना : एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन के स्तर में असंतुलन से मेनोरेजिया या लंबे समय तक चलने वाले हैवी पीरियड हो सकते हैं. ये हार्मोन एंडोमेट्रियम बनाने में मदद करते हैं, जो पीरियड के दौरान हर महीने ब्लीड करता है
हार्मोनल असंतुलन : मासिक धर्म चक्र को प्रभावित करता है. मस्तिष्क के दोनों हिस्से हाइपोथैलेमस और पिट्यूटरी ग्रंथि, मासिक धर्म चक्र को नियंत्रित करते हैं. ये व्यायाम, नींद और तनाव जैसे बाहरी कारकों के प्रति संवेदनशील हैं
(हार्मोन थेरेपी का इस्तेमाल गर्भाशय की परत को पतला करने और हार्मोनल असंतुलन को ठीक करने के लिए किया जा सकता है. हार्मोन थेरेपी का इस्तेमाल एंडोमेट्रियोसिस जैसी स्थितियों के इलाज के लिए भी किया जा सकता है. एंडोमेट्रियोसिस दर्द और मासिक धर्म में रक्तस्राव का कारण बनती है )
- -प्रोस्टाग्लैंडीन अवरोध: ये एस्पिरिन या इबुप्रोफेन सहित नॉनस्टेरॉइडल एंटी-इंफ्लेमेटरी दवाएं (एनएसएआईडी) हैं। वे ऐंठन और आपके रक्तस्राव की मात्रा को कम करने में मदद करते हैं।
- -गर्भनिरोधक गोलियां: ये ओव्यूलेशन को रोकते हैं और परिणामस्वरूप हल्के पीरियड्स आते हैं।
- -प्रोजेस्टेरोन: यह एक प्रकार का हार्मोन उपचार है।
- C) शरीर में मिनरल्स की कमीं होना :यदि शरीर में किसी खास मिनरल की जैसे विटामिन E.,मेगनीसियम, पोटासियम या किसी और मिनरल की भा री कमी हो गयी है तो भी हैवी ब्लीडिंग या अनियमित और लम्बे समय तक मासिक चक्र बिगड़ जाता है इसलिए चिकित्सक हमेशा संतुलित आहार लेनेकी सलाह देते हैं.D) गर्भाशय या गर्भाशय ग्रीवा के भीतर कैंसर की वृद्धि भी हो सकता है कारणहर महीने और कभी कभी 15-20 दिन के अंतर पर यदि ये परेशानी लगातार बनी रहे तो किसी ट्रेंड चिकित्सक की सलाह अवश्य लें, नीम हकीम डॉक्टरों से बचें, ये जान लेवा बन सकता है. यदि थोड़ा भी डॉउट लगे तो पूरे गर्भाशय को ऑपरेशन से निकालना ही सबसे बेहतर इलाज होता है.E) इंट्रा यूटराइन डिवाइस (IUD): यदि सही से न लगाया गया हो तो हेवी रक्तस्त्रताव का कारन बन जाता है.इसलिए इस तरह के मेडिकल डिवाइस को लगवाने के बाद चिकित्सक से परामर्श लेते रहे.गर्भाशय की परत (एंडोमेट्रियम) से जुड़ी समस्याओं के उपचार में शामिल हो सकते हैं:
- गर्भाशय के अंदर (मुख) बाहरी हॉर्मोन छोड़ने वाला (कॉपर टी जैसा) डिवाइस लगाना, जो धीरे धीरे पीरियड कंट्रोल करने वाले हॉर्मोन्स को रिलीस करता रहता है (यदि हैवी ब्लीडिंग हॉर्मोन्स के गड़बड़ के कारण होरहे हैं तो).
- लेज़र किरणों द्वारा ऑपरेशन: चिकित्सक गर्भाशय की परत (एंडोमेट्रियम) को नष्ट करने के लिए इस प्रक्रिया का उपयोग करते हैं।
- छोटा ऑपरेशन : इस प्रक्रिया में गर्भाशय की परत को छील कर हटा दिया जाता है।
-गर्भाशय-ऑपरेशन : इसमें पूरे गर्भाशय को शल्य चिकित्सा द्वारा हटा दिया जाता है।
-लौह या आयरन की पूर्ती . यदि आपको रक्त की भारी हानि के परिणामस्वरूप एनीमिया है, तो आपको आयरन की खुराक की आवश्यकता हो सकती है।- <ध्यान दें> स्थिति कैसी भी हो, चिकित्सक से सलाह अवश्य लेते रहे, साथ ही भरपूर मात्रा में रोज आयरन से भरपूर भोजन को अधिक स्थान दे, मिर्च मसाले या बाहर से मंगाया हुआ खाना अधिक मसालों के प्रयोग के कारण स्थिति को और बिगाड़ सकता है।
कैसे पहचाने की ये मनोरीजिआ है?
- सात दिनों से अधिक समय तक रक्तस्राव होना
- हर घंटे एक या अधिक टैम्पोन या पैड से रक्तस्राव
- आपको रात के दौरान अपना पैड या टैम्पोन बदलना होगा
- रिसाव से बचने के लिए आपको सुरक्षा दोगुनी करने की आवश्यकता है
- आपको मासिक धर्म के दौरान बड़े रक्त के थक्के दिखाई देते हैं (एक चौथाई या उससे बड़े आकार के)
कैसे घर पर कंट्रोल करें:
-विटामिन सी से भरपूर चीज़ें खाएं. यह विटामिन शरीर में आयरन को सोखने में मदद करता है.
-रोज भुने हुवे चनों व हरी पत्तेवाली सब्जियों का सेवन करें जिससे शरीर में आयरन की कमी न हो.
-भरपूर मात्रा में पानी व् फलों का जूस लें
-लोहे के बर्तन में खाना बनायें जिससे शरीर में लोहे की आपूर्ति हो सके
-आप दूध में दालचीनी मिलाकर पी सकती हैं. इससे भी हैवी ब्लीडिंग को कम किया जा सकता है.
- हैवी ब्लीडिंग की समस्या में विटामिन सी, विटामिन ई के साथ मैग्नीशियम से भरपूर चीजों का सेवन करें।
(ये सिर्फ दादा दादी के नुस्खे हैं, चिकित्सक की सलाह नहीं , इस स्थिति के लगातार बने रहने पर चिकित्सक की सलाह जरूर लें )