अग्निवीर योजना: फायदे की नौकरी या धोखा
सरकार ने अग्निवीरों के रूप में चार साल की अवधि के लिए तीनों सेवाओं के 'सिपाही' कैडर में पुरुष और महिला दोनों उम्मीदवारों को भर्ती करने के लिए 15 जून, 2022 को अग्निपथ योजना शुरू की थी।
यह योजना, मिनिस्ट्री ऑफ़ डिफेन्स, भारत सरकार द्वारा बनाई गई है, इस योजना के तहत केवल शैक्षिक, शारीरिक और चिकित्सा मापदंडों को पूरा करने वाले और सशस्त्र बलों का हिस्सा बनने के इच्छुक 17.5 से 21 वर्ष की आयु के युवाओं को सैन्य प्रशिक्षण दिया जाएगा।
चुने हुए उम्मीदवारों को चार साल की अवधि के लिए 'अग्निवीर' के रूप में नामांकित किया जाएगा, जिसके पूरा होने पर 25% अग्निवीरों को सशस्त्र बलों में नियमित संवर्ग के रूप में नामांकित किया जाएगा।
सरकार के अनुसार इस योजना का मुख्य उद्देश्य समय के साथ सेना में बदलती गतिशीलता के अनुकूल ऊर्जावान, विविध युद्ध शैलियों में अधिक प्रशिक्षित और सुयोग्य युवाओं के साथ परिवर्तनकारी विकास के माध्यम से युद्ध की तैयारी में सुधार करना है।
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सरकार द्वारा दिए जाने वाले फायदे :
भारतीय नौसेना में केवल अविवाहित पुरुष और अविवाहित महिला उम्मीदवार ही अग्निवीर के रूप में नामांकन के लिए पात्र हैं। नामांकन के समय उम्मीदवारों को 'अविवाहित' होने का प्रमाण पत्र देना होगा। अग्निवीरों को आईएन में अपने पूरे चार साल के कार्यकाल के दौरान शादी करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
हाथ में आने वाली सैलरी(70%): 21000 रुपये
अग्निवीर कोष फंड में योगदान (30%): 9000 रुपये
भारत सरकार द्वारा अग्निवीर कोष फंड में योगदान: 9000 रुपये
स्वनिर्धारित पैकेज (मासिक): 33000रुपये
हाथ में आने वाली सैलरी(70%): 23100 रुपये
अग्निवीर कोष फंड में योगदान (30%): 9900 रुपये
भारत सरकार द्वारा अग्निवीर कोष फंड में योगदान: 9900 रुपये
हाथ में आने वाली सैलरी(70%): 25580 रुपये
अग्निवीर कोष फंड में योगदान (30%): 10950 रुपये
भारत सरकार द्वारा अग्निवीर कोष फंड में योगदान: 10950 रुपये
तीन साल बाद अग्निवीर कोष फंड में कुल योगदान: 5.02 लाख रुपये
हाथ में आने वाली सैलरी(70%): 28000 रुपये
अग्निवीर कोष फंड में योगदान (30%): 12000 रुपये
भारत सरकार द्वारा अग्निवीर कोष फंड में योगदान: 12000 रुपये
चार साल बाद अग्निवीर कोष फंड में कुल योगदान :
- इसमें समग्र वार्षिक वित्तीय पैकेज पहले वर्ष के लिए लगभग 4.76 लाख रुपये होगा, जो चौथे वर्ष तक लगभग 6.92 लाख रुपये तक अपग्रेड किया जा सकता है।
- उम्मीदवारों को जोखिम और दुघर्टना भत्ता प्रदान किया जाएगा.
- यह योजना दिव्यांगता मुआवजा प्रदान करती है, अर्थात क्रमशः 100%/75%/50% दिव्यांगता के लिए एकमुश्त रूप से 44/25/15 लाख रुपये की अनुग्रह राशि दी जाएगी.
- यह योजना मृत्यु मुआवजा, यानी 48 लाख रुपये का गैर-अंशदायी जीवन बीमा कवर, सेवा के दौरान मृत्यु हो जाने पर 44 लाख रुपये की अतिरिक्त अनुग्रह राशि भी प्रदान करती है। इस "सेवा निधि" में चार वर्षों में सेवा न करने के दौरान भी मुआवजा शामिल है।
- "सेवा निधि" पैकेज, उम्मीदवार को चार साल के बाद (आयकर से छूट) 10.04 लाख रुपये का एक कोष प्रदान किया जाएगा। इस पैकेज में, उम्मीदवार द्वारा 30% योगदान की जाएगी, उतनी ही राशि सरकार द्वारा दी जाएगी
- अग्निवीर (एमआर) 17 1/2 से 21 वर्ष की आयु के पुरुष और महिला उम्मीदवारों के लिए खुला है, जिन्होंने शिक्षा मंत्रालय, सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त स्कूल शिक्षा बोर्ड से 10वीं परीक्षा उत्तीर्ण की है।
- प्रथम वर्ष का सैलरी पैकज:
हाथ में आने वाली सैलरी(70%): 21000 रुपये
अग्निवीर कोष फंड में योगदान (30%): 9000 रुपये
भारत सरकार द्वारा अग्निवीर कोष फंड में योगदान: 9000 रुपये
- द्वितीय वर्ष की सैलरी पैकेज
हाथ में आने वाली सैलरी(70%): 23100 रुपये
अग्निवीर कोष फंड में योगदान (30%): 9900 रुपये
भारत सरकार द्वारा अग्निवीर कोष फंड में योगदान: 9900 रुपये
- तृतीय वर्ष की सेलरी पैकेज
हाथ में आने वाली सैलरी(70%): 25580 रुपये
अग्निवीर कोष फंड में योगदान (30%): 10950 रुपये
भारत सरकार द्वारा अग्निवीर कोष फंड में योगदान: 10950 रुपये
तीन साल बाद अग्निवीर कोष फंड में कुल योगदान: 5.02 लाख रुपये
- चतुर्थ वर्ष की सेलरी पैकेज
हाथ में आने वाली सैलरी(70%): 28000 रुपये
अग्निवीर कोष फंड में योगदान (30%): 12000 रुपये
भारत सरकार द्वारा अग्निवीर कोष फंड में योगदान: 12000 रुपये
चार साल बाद अग्निवीर कोष फंड में कुल योगदान :
5.02 लाख रुपये अग्निवीर का अपना जमा किया पैसा +5 लाख लगभग सरकार द्वारा + दूसरे भत्ते = 11.71 लाख मतलब अग्निवीर को वास्तव में सिर्फ 5 लाख सरकार द्वारा दिया जायेगा।
पात्रता या कौन आवेदन कर सकता है:
- आवेदक को भारतीय नागरिक होना अनिवार्य है.
- आवेदक की आयु 17.5 से 21 वर्ष के बीच होनी चाहिए।
- आवेदक को भारतीय सेना / भारतीय नौसेना / भारतीय वायु सेना द्वारा निर्धारित शैक्षणिक योग्यता, शारीरिक और चिकित्सा मानकों को पूरा करना होगा।
आवेदन का तरीका : केवल ऑनलाइन क्लिक करें
आवश्यक डॉक्यूमेंट: भर्ती के समय आवश्यक दस्तावेज-
- आधार
- पहचान का प्रमाण।
- पते का प्रमाण।
- उच्चतम शैक्षिक योग्यता का प्रमाण।
- चिकित्सा श्रेणी का प्रमाण।
- JPG. प्रारूप में 10 KB से 20 KB तक आकार का, स्कैन किया गया पासपोर्ट आकार का फोटो। यह फोटो आवेदन फार्म पर अपलोड किया जाएगा।
- JPG. प्रारूप में 5 KB से 10 KB तक आकार के, स्कैन की हुई हस्ताक्षर की फोटो। यह फोटो आवेदन फार्म पर अपलोड किया जाएगा।
- निवास प्रमाणपत्र
04 साल के बाद : 25 % अग्निवीरों को उनकी सेवा के दौरान योग्यता और श्रेष्ठ प्रदर्शन पर परखा जायेगा तथा केंद्रीयकृत व् पारदर्शी स्क्रीनिंग द्वारा 25 % अग्निवीरों को सेना में पूरे समय के लिए चुन लिया जायगा
बचे हुए 75% अग्निवीरों का क्या होगा?
04 साल बाद सेना से मुक्त हुए अग्निवीर सेनिको को सरकार 11 लाख 71 हजार रूपये एकमुश्त निधि के रूप में देगी, जिससे ये लोग आम जीवन में कोई भी रोजगार खोल सकते हैं.
योजना के नुकसान: वैसे तो 11 लाख 71 हजार सुनने में बड़ी लगती है किन्तु :
सैनिक को नुक्सान:
1- यदि सभी अग्निवीर यदि अपनी इस निधि को एकमुश्त बैंक में FD या किसी अन्य सरकारी योजना में जमा कर देते है तो 11,71,000 का वार्षिक ब्याज होगा 81,970/- मिलेगा, यदि इस धनराशि को 12 महीनो में बाटे तो हर महीने उसे केवल 6830 रूपये पेंशन के रूप में मिलेंगें जो की आज के समय में काफी छोटी राशि है.
(ये तब होगा जब सभी अपनी धनराशि को किसी सरकारी बैंक या पोस्ट ऑफिस में लम्बे समय के लिए रख पाते हैं )
2- 80 % मुक्त हुए अग्निवीर गरीब परिवारों से आने के कारण, अपना बहुत सा पैसा अपने घर के खर्चों में ही लगा देंगे, जो की उनकी ज्यादा बड़ी व महत्वपूर्ण जरुरत है, जिससे उनके पास आनेवाले समय के लिए कुछ खास रकम नहीं रह पाएगी। जिससे वो कोई नया काम खोल सकें।
3- 25 या 28 की उम्र में मुक्त हुए अग्निवीर फिर से नए रोजगार की तालाश में होंगे, यदि सरकार की और से कोई मदद नहीं मिलती है तो, ये दुबारा से नौकरी के लिए तैयारी की उम्र से थोड़ा आगे निकल चुके होंगे व अधिकतर को फिर से नौकरी के लिए होने वाली प्रतियोगिता में भाग लेने व सफल होने के लिए, अत्यधिक कठिनाई होगी।
4- 04 साल नौकरी कर चुके अग्निवीर किसी अन्य क्षेत्र के लिए तैयार होने में ओरों से अधिक समय लेंगें क्योंकि उनको नए माहौल में ढलने में भी अधिक समय लगेगा। उनके नए क्षेत्र में सफल होने की सम्भावना 10-20 % से अधिक नहीं होगी।
5- भारतीय सेना में 98 % सैनिक गरीब परिवारों से आने के कारण, सेना में भर्ती होना- देश के लिए काम करने की भावना के साथ, रोजगार पाने का व अपने परिवार के भरण पोषण का भी एक मुख्य कारण होता है. ऐसी स्थिति में किसी ऐसी संस्था में काम मिलना जो अस्थाई है,व जिसके साथ आनेवाले भविष्य में क्या करेंगे भी जुड़ा हो,अब उतना समझदारी का फैसला नहीं रहेगा, क्योकी ये सिर्फ 4 साल या अस्थाई नौकरी मिलने जैसा होगा।
सेना में भर्ती के लिए क्लिक करें:
सेना को नुक्सान :
1- हर साल होने वाले सेवानिवृत सैनिकों की तुलना में भर्ती होने वाले सैनिकों की संख्या काफी कम होने से, सेना में रिज़र्व सैनिकों की संख्या में लगातार कमीं बनी रहेगी, जो की किसी भी एक्टिव सेना के लिए ,जो चारों और से दुश्मन पड़ोसियों से लगातार लड़ती रहती है, तथा जिसमें पहले से ही बूढ़े होते सैनिकों की सख्या लगातार बढ़ रही है.
अब यदि सैनिकों की भर्ती, कुछ साल के लिए रोक दें या कम कर दें, तो आने वाले समय में नवजवान प्रशिक्षित और अनुभवी सेनिकों की अत्यधिक कमी हो जाएगी. जिससे निपटने के लिए सेना को कई साल का समय लगेगा, क्योकी किसी भी साधारण जवान या नागरिक को प्रशिक्षण के द्वारा अनुभवी सैनिक बनने में 4-6 साल का समय लगता है. अब ऐसी स्थिति में जब नए सैनिक प्रशिक्षित होने के साथ अनुभव लेने के लिए तैयार होते हैं, उसी समय उनको मुक्त कर देने से सेना को फिर से इसी क्रम को दोहराना पड़ेगा, मतलब प्रशिक्षण दो और सैनिक को छोड़ दो !
२- सेना को हर साल नए सैनिकों की जरुरत पहले ही बनी रहती है, उस स्थिति में यदि किसी से युद्ध शुरू हो जाए तब सेना के पास रिसर्व सैनिकों की कमीं के चलते, युद्ध में भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है, जो किसी भी स्वतंत्र देश के लिए सोचना भी ठीक नहीं। यदि युद्ध में जान -माल -जमीन हारे तो उसकी कीमत की भरपाई कभी नहीं हो पाएगी.
3- सेना हर साल सैनिकों को प्रशिक्षण देने की संस्था बन के रह जाएगी, क्योकी 75% सैनिक जिन्हें सेना ने सेवानिवृत किया है और जो अब सेना के लिए जवान-प्रशिक्षित-अनुभवी होने के चरम पर होंगें, उसी समय उनको सेना से मुक्त कर देने के कारण फिर से नए अप्रशिक्षित जवानो का प्रशिक्षित होने तक इन्तजार करना पड़ेगा, क्योकी प्रशिक्षित जवानों की संख्या सिमित होगी व उनमें से भी अधिकतर सिर्फ 4 साल के लिए सेना में रहेंगें, इससे सेना में आनेवाले समय में प्रशिक्षित सैनिकों की संख्या खतरनाक स्तर तक नीचे गिर जाएगी।
4- क्योकी 75% सैनिक केवल 4 साल में ही सेवा मुक्त होंगे, साथ ही सभी सेना के सभी हथियारों को चलाना जानने के साथ गुप्त जानकारी तक उनकी पकड़ भी होगी, ऐसी स्थिति में यदि कुछ भूतपूर्व अग्निवीर हनीट्रैप में फंस गए तो, देश में ट्रेंड और नवजवान सैनिकों की एक बहुत बड़ी संख्या देश के खिलाफ खड़ी हो सकती है. जो की देश की सुरक्षा के लिए एक बड़ी चुनौती बन सकती है.
5- क्योकी इस स्कीम को सेना ने नहीं माँगा था इसलिए अधिकतर शीर्ष अधिकारी भी इस स्कीम के विरोध में हैं, किन्तु सरकार का हिस्सा होने के कारण कुछ कह नहीं रहे हैं.