Enforcement Directorate, Govt of India
इस निदेशालय की उत्पत्ति 1 मई, 1956 से हुई, जब विदेशी मुद्रा विनियमन अधिनियम, 1947 (FERA '47 Foreign Exchange Regulation Act 1947 ) के तहत विनिमय नियंत्रण कानूनों के उल्लंघन से निपटने के लिए आर्थिक मामलों के विभाग में एक 'प्रवर्तन इकाई' (Enforcement Unit) का गठन किया गया था।
शुरू में इसकी दो ब्रांचेज बॉम्बे और कलकत्ता में थी, तथा जिसका काम विदेशी मुद्रा के लें देंन को नियमों के अनुसार कंट्रोल करने का था.
फिर 1957 में इसका नाम बदल कर Enforcement Directorate कर दिया साथ ही इसकी एक और ब्रांच मद्रास में 1960 में खोली गयी.
आर्थिक उदारीकरण की प्रक्रिया की शुरुआत के साथ, FERA, 1973, जो एक नियामक कानून था, को निरस्त कर दिया गया, और इसके स्थान पर, एक नया कानून अर्थात। विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम, 1999 (फेमा) 10.01.2019 से लागू हुआ। 1 जून 2000 को अंतर्राष्ट्रीय एंटी मनी लॉन्ड्रिंग शासन के अनुरूप, मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम, 2002 (PMLA) लागू किया गया था और ईडी को इसके प्रवर्तन का काम सौंपा गया था।
भारत सरकार के वित्त मंत्रालय के राजस्व विभाग के अधीन एक विशेष वित्तीय जांच एजेन्सी है जिसका मुख्यालय नयी दिल्ली में है। मुख्य रूप से ईडी(Directorate of enforcement) का काम भारत में विदेश से जुड़ी संपत्ति मामले और अन्य तरह की संपत्ति की जांच करना है.
प्रवर्तन निदेशालय गलत तरीके से कमाई गई संपत्ति का पता लगाने हेतु जांच करने, संपत्ति को जब्त करने और अपराधियों के खिलाफ मुकदमा चलाने और विशेष अदालत द्वारा संपत्ति की जब्ती सुनिश्चित करवाते हुए पीएमएलए के प्रावधानों को लागू करने जिम्मेदारी दी गई है.
किन कानून के तहत काम करती है ईडी?
विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम 1999 (FEMA. धन सोधन निवारण अधिनियम 2002 (PMLA). भगोड़ा आर्थिक अपराधी अधिनियम 2018 (FEOA). FEMA के तहत ईडी फॉरेन एक्सचेंज नियमों के उल्लंघन की जांच करता है. PMLA को मनीलॉन्ड्रिंग को रोकने या मामले में शामिल अवैध संपत्ति को जब्त करने के लिए बनाया गया. FEOA को आर्थिक अपराधियों को भारत से भागने से रोकने के लिए बनाया गया है.
बड़े आर्थिक अपराध भी ईडी के हाथ में:
ईडी फेमा उल्लंघन, हवाला लेनदेन, फॉरेन एक्सचेंज वायलेशन, विदेश में मौजूद संपत्ति पर कार्रवाई और विदेश में संपत्ति की खरीद के मामलों की जांच करती है. एजेंसी के पास मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपियों के खिलाफ संपत्ति-धन की जब्ती और गिरफ्तारी के अधिकार हैं. ईडी गैरकानूनी वित्तीय काम पर कार्रवाई कर सकती है. पीएमएलए के तहत ईडी को संपत्ति जब्त करने, छापा मारने और गिरफ्तारी का अधिकार है. ईडी की ताकत अंदाजा इससे भी लगा सकते हैं कि एजेंसी पूछताछ के बिना भी संपत्ति जब्त कर सकती है.
विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम 1999 (FEMA. धन सोधन निवारण अधिनियम 2002 (PMLA). भगोड़ा आर्थिक अपराधी अधिनियम 2018 (FEOA). FEMA के तहत ईडी फॉरेन एक्सचेंज नियमों के उल्लंघन की जांच करता है. PMLA को मनीलॉन्ड्रिंग को रोकने या मामले में शामिल अवैध संपत्ति को जब्त करने के लिए बनाया गया. FEOA को आर्थिक अपराधियों को भारत से भागने से रोकने के लिए बनाया गया है.
ईडी फेमा उल्लंघन, हवाला लेनदेन, फॉरेन एक्सचेंज वायलेशन, विदेश में मौजूद संपत्ति पर कार्रवाई और विदेश में संपत्ति की खरीद के मामलों की जांच करती है. एजेंसी के पास मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपियों के खिलाफ संपत्ति-धन की जब्ती और गिरफ्तारी के अधिकार हैं. ईडी गैरकानूनी वित्तीय काम पर कार्रवाई कर सकती है. पीएमएलए के तहत ईडी को संपत्ति जब्त करने, छापा मारने और गिरफ्तारी का अधिकार है. ईडी की ताकत अंदाजा इससे भी लगा सकते हैं कि एजेंसी पूछताछ के बिना भी संपत्ति जब्त कर सकती है.
किन्तु ईडी या प्रवर्तन निदेशालय वैधानिक निकाय नहीं है, यह वित्त मंत्रालय के अधीन काम करने वाली एक सरकारी एजेंसी है.
आजकल सिर्फ विपक्ष के नेताओं पर पर ED की नजर क्यों ?
(दिल्ली उच्च न्यायालय ने गुरुवार को फैसला सुनाया कि पीएमएलए की धारा 50 के तहत किसी व्यक्ति को समन जारी करने की प्रवर्तन निदेशालय की शक्ति में गिरफ्तारी की शक्ति शामिल नहीं है। न्यायमूर्ति अनुप जयराम भंभानी ने कहा कि गिरफ्तारी की शक्ति पीएमएलए की धारा 50 में "स्पष्ट रूप से अनुपस्थित" है जो ईडी अधिकारियों को उल्लिखित शर्तों को पूरा करने के अधीन किसी भी व्यक्ति को गिरफ्तार करने का अधिकार देती है.)
क्या ED की कार्यवाही सियासी है व सरकार को फायदा पहुँचाने के लिए सिर्फ विपक्ष के नेताओं को चुन चुन के जेल भेज रही है?