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Why Ahmedabad Plane Carsh and How Passengers Lost Life

क्यों गिरा विमान: अहमदाबाद विमान हादसा 2025 की ताजा खबरें-क्यों हुवा विमान हादसा?



279 लोगों की मौत, 20 मेडिकल छात्रों ने भी खाना खाते-2 गंवाई जान

अहमदाबाद, 15 जून 2025 - 12 जून 2025 को एयर इंडिया फ्लाइट AI171 (बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर) का अहमदाबाद में हुआ हादसा भारत के सबसे भयावह विमान हादसों में से एक है। यह विमान सरदार वल्लभभाई पटेल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से लंदन के लिए उड़ान भरने के कुछ सेकंड बाद मेघनीनगर में बीजे मेडिकल कॉलेज हॉस्टल पर क्रैश हो गया। 

इस हादसे में 242 यात्रियों और क्रू मेंबर्स में से 241 की मौत हो गई, साथ ही हॉस्टल में 33 लोग, जिनमें 20 मेडिकल छात्र शामिल थे, मारे गए। केवल एक यात्री, विश्वास कुमार रमेश, चमत्कारिक रूप से बच गया। 

सभी यात्रियों की मौत का मुख्य कारण 

प्रारंभिक जांच और विशेषज्ञों की राय के अनुसार, इस हादसे में अधिकांश यात्रियों की मौत विमान के क्रैश होने और उसमें लगी भीषण आग के कारण हुई। विमान में 58,000 लीटर ईंधन भरा था, जिसके कारण टक्कर के बाद विशाल धमाका हुआ और आग की लपटें इतनी तेज थीं कि तापमान असहनीय हो गया। 

गृह मंत्री अमित शाह ने बताया कि "सवा लाख लीटर ईंधन होने के कारण तापमान इतना अधिक था कि किसी को बचाए जाने की कोई संभावना नहीं थी।"

विमान 625-825 फीट की ऊंचाई पर था जब यह तेजी से नीचे गिरा और मेडिकल हॉस्टल से टकराया। 59 सेकंड के सीसीटीवी वीडियो और ब्लैक बॉक्स (जो 13 जून को बरामद हुआ) से पता चला कि दोनों इंजन एक साथ बंद हो गए, जिसके कारण विमान ने थ्रस्ट (ताकत) खो दी और नियंत्रण से बाहर हो गया। 
पायलट कैप्टन सुमीत सभरवाल ने मेडे कॉल (इमर्जेन्सी काल) की, लेकिन हादसा इतनी तेजी से हुआ कि बचाव का समय नहीं मिला।

मुख्य कारण जो बने सभी यात्रियों की दर्दनाक मौत का कारण  

विमान का टकराना: विमान हॉस्टल की इमारत से टकराया, जिससे संरचनात्मक क्षति और तत्काल चोटें हुईं।

भीषण आग: ईंधन के कारण लगी आग ने अधिकांश यात्रियों को जला दिया। तापमान इतना अधिक था कि बचना असंभव था। ज्यादातर यात्रियों की मौत भयानक आग की गर्मी से हुई और वे इस आग से निकल नहीं सके 

ऑक्सीजन की कमी: पीछे के और टेल के पास आग और धुएं के कारण घुटन (asphyxiation) ने कई लोगों की जान ली।

तेज गति से गिरना: विमान का तेज डिसेंट रेट (नीचे गिरने की गति) और कम ऊंचाई ने पायलट को नियंत्रण वापस पाने का मौका नहीं दिया।


क्या सभी की मौत एक जैसे हुई या अलग-अलग कारणों से?

अधिकांश यात्रियों की मौत आग और टक्कर के प्रभाव से हुई, लेकिन कुछ मामलों में मौत के कारण अलग-अलग हो सकते हैं।


1. एकसमान कारण (आग और टक्कर का प्रभाव)
 
अधिकांश यात्रियों की मौत: विमान में सवार 230 यात्रियों और 12 क्रू मेंबर्स में से ज्यादातर की मौत टक्कर के तुरंत बाद या आग में जलने से हुई। 

डॉक्टर मोहित के अनुसार, "अधिकतर घायल जले हुए थे, और कुछ को गंभीर चोटें आई थीं।" विमान के मलबे में फंसे लोगों को बचाने का कोई मौका नहीं था क्योंकि 1.26 लाख लीटर ईंधन ने आग को इतना भयानक बना दिया कि शवों की पहचान के लिए डीएनए टेस्ट की जरूरत पड़ी। बीबीसी हिंदी
 
हॉस्टल में मारे गए लोग: 33 लोग, जिनमें 20 मेडिकल छात्र शामिल थे, हॉस्टल में विमान के गिरने और आग लगने से मारे गए। ये लोग लंच कर रहे थे जब विमान टकराया, जिससे इमारत ढह गई और आग फैल गई।

2. अलग-अलग कारण

हालांकि अधिकांश मौतें आग और टक्कर से हुईं, कुछ यात्रियों और हॉस्टल के लोगों की मौत के कारण अलग हो सकते हैं:

टक्कर से चोटें: कुछ यात्रियों की मौत विमान के टकराने के प्रभाव (impact trauma) से तुरंत हो गई होगी। विमान की 174 नॉट्स (लगभग 320 किमी/घंटा) की गति और 625-825 फीट से गिरने ने भयानक प्रभाव पैदा किया।

घुटन (Asphyxiation): घने काले धुएं और ऑक्सीजन की कमी ने कई लोगों की जान ली होगी। चश्मदीदों ने बताया कि धुआं दूर तक फैला था, जिससे सांस लेना मुश्किल हो गया।

हॉस्टल में ढहने से मौत: हॉस्टल के कुछ निवासियों की मौत इमारत के ढहने से दबने या चोट लगने से हुई होगी। बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, "मेजें टूटीं और दीवारें बिखर गईं।"

विशेष परिस्थितियां: कुछ यात्रियों की मौत टक्कर के बाद मलबे में फंसने या आग से पहले घायल होने से हो सकती है। उदाहरण के लिए, विश्वास कुमार रमेश (सीट 11A) के पास विमान का एक हिस्सा ऐसा था जो आग से कम प्रभावित हुआ, जिससे वे बच गए। अन्य यात्रियों को ऐसी स्थिति नहीं मिली।

3. इकलौते बचे व्यक्ति का मामला

 विश्वास कुमार रमेश, एक भारतीय मूल के ब्रिटिश नागरिक, इस हादसे में चमत्कारिक रूप से बच गए। उनकी सीट 11A विमान के उस हिस्से में थी जो टेल सेक्शन के पास था, जहां आग का प्रभाव कम था। अमित शाह ने बताया कि वे अपने पैरों पर चलकर बाहर निकले। 

उनकी जान बचने का कारण था:

सीट की स्थिति: टेल सेक्शन आमतौर पर क्रैश में कम प्रभावित होता है।

कम आग का प्रभाव:
 उनके आसपास का हिस्सा आग से पूरी तरह नष्ट नहीं हुआ।

तुरंत निकलने की क्षमता: विश्वास ने किसी तरह मलबे से बाहर निकलने का रास्ता ढूंढ लिया।


    दोनों इंजनों के बंद होने की संभावित वजहें

    हादसे का मूल कारण दोनों इंजनों का एक साथ बंद होना माना जा रहा है, जो एक अरब उड़ान घंटों में एक बार की अति दुर्लभ घटना है। 

    नीचे संभावित कारण दिए गए हैं:

    सेंट्रल फ्यूल सिस्टम में खराबी: मुख्य फ्यूल पंप या फ्यूल कंट्रोल यूनिट की खराबी ने दोनों इंजनों तक ईंधन सप्लाई रोकी। यह निर्माण में गलत असेंबली या रखरखाव की कमी से हो सकता है।

    इलेक्ट्रिकल सिस्टम फेल: छह जनरेटर और लिथियम-आयन बैटरी पर निर्भर सिस्टम फेल होने से इंजन कंट्रोल यूनिट्स को सिग्नल नहीं मिला। यह वायरिंग या सॉफ्टवेयर त्रुटि से हो सकता है।

    सॉफ्टवेयर ग्लिच: FADEC सिस्टम में बग या साइबर इंटरफेरेंस ने गलत सिग्नल भेजा। यह सॉफ्टवेयर टेस्टिंग की कमी से हो सकता है।

    डिज़ाइन दोष: दोनों इंजनों (GE GEnx) में एक ही फ्यूल इंजेक्शन या टरबाइन ब्लेड दोष ने एक साथ फेल किया।

    वायुमंडलीय कारक: 43 डिग्री सेल्सियस की गर्मी ने हवा का घनत्व कम किया, जिससे एयर इनटेक सिस्टम प्रभावित हुआ।

    मानवीय गलती और तकनीकी खराबी: गलत फ्लैप सेटिंग या कम थ्रस्ट के साथ सेंसर की खराबी ने इंजनों को ओवरलोड किया।

    समान पार्ट्स की खराबी: दोनों इंजनों में एक ही आपूर्तिकर्ता के दोषपूर्ण पार्ट्स (जैसे फ्यूल नोजल) थे।

    अहमदाबाद विमान हादसा 2025 में 241 यात्रियों और क्रू मेंबर्स की मौत का मुख्य कारण विमान का हॉस्टल से टकराना और ईंधन से लगी भीषण आग था। अधिकांश लोगों की मौत आग में जलने या टक्कर के प्रभाव से हुई, लेकिन कुछ की मौत घुटन, मलबे में दबने, या गंभीर चोटों से हो सकती है। हॉस्टल के 33 लोग भी इमारत ढहने और आग से मारे गए। विश्वास कुमार रमेश की जान उनकी सीट की स्थिति और कम प्रभावित क्षेत्र के कारण बची। ब्लैक बॉक्स की जांच से सटीक कारण सामने आएंगे, लेकिन यह हादसा विमानन सुरक्षा, निर्माण प्रक्रिया, और रखरखाव में सुधार की मांग करता है। DGCA और AAIB की जांच भविष्य में ऐसी त्रासदियों को रोकने के लिए महत्वपूर्ण होगी।