बिहार चुनाव 2025
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के नतीजे आ चुके हैं और तस्वीर बिल्कुल साफ है —
नरेंद्र मोदी–नीतिश कुमार की एनडीए सरकार को जनता ने भारी बहुमत के साथ वापस सत्ता में बिठा
दिया है।
वहीं दूसरी ओर, तेजस्वी यादव का महागठबंधन बुरी तरह फ्लॉप रहा और सीटों के मामले में दो
दशक का सबसे कमजोर प्रदर्शन दर्ज कर गया।
किसकी सरकार बनी?
243 सीटों वाली विधानसभा में बहुमत का आंकड़ा है 122।नतीजों में:
NDA ने 200+ सीटों का विशाल आंकड़ा पार कर लिया।
बीजेपी बनी सबसे बड़ी पार्टी।
JDU ने भी अपनी पकड़ कई क्षेत्रों में मजबूत रखी।
दूसरी ओर RJD–कांग्रेस गठबंधन मुश्किल से 30–40 सीटों के बीच सिमट गया।
यह परिणाम साफ बताते हैं कि बिहार की जनता ने स्थिरता + विकास + महिला–युवा केंद्रित राजनीति को चुना।
कौन हारा?
महागठबंधन, खासकर RJD के लिए परिणाम बेहद निराशाजनक रहे।कांग्रेस का प्रदर्शन लगभग नगण्य रहा।
छोटे दल भी उम्मीदों पर खरे नहीं उतरे।
प्रशांत किशोर का “जनसुराज” भी कोई बड़ा असर नहीं डाल पाया।
मुख्य सीटों पर जोरदार मुकाबला
राघोपुर: तेजस्वी यादव ने सीट बरकरार रखी, पर उम्मीद से कम बढ़त मिली।
बैकुंठपुर: NDA प्रत्याशी ने 16,000 से अधिक वोटों से जीत दर्ज की।
कई ऐसी सीटें जहाँ Mahagathbandhan पारंपरिक रूप से मजबूत था, वहाँ भी इस बार सत्ता
इस बार जातीय MY (Muslim-Yadav) समीकरण की जगह
2. नीतीश कुमार का भरोसा
विकास और सुशासन का ब्रांड अभी भी ग्रामीण बिहार में बेहद मजबूत है।
3. विपक्ष की कमजोर रणनीति
-गठबंधन के भीतर तालमेल की कमी
-उम्मीदवार चयन में भारी गुटबाज़ी
-कोई नया मुद्दा नहीं
4. मोदी–शाह का आक्रामक कैंपेन
-लगातार रैलियाँ
-केंद्र के लाभार्थी योजनाओं पर जोर
-महिलाओं और युवाओं को लक्षित संदेश
इन सबने NDA का ग्राफ ऊपर रखा।
अब आगे क्या? नीतीश कुमार CM?
नतीजों के बाद साफ है —
शपथ फिर नीतीश कुमार ही लेंगे, क्योंकि वे NDA के सबसे वरिष्ठ और अनुभवी चेहरे हैं।
बीजेपी और JDU मिलकर सरकार बनाएंगे जिसकी संख्या ताकत पहले से कहीं अधिक होगी।
पार्टी-वार प्रमुख आंकड़े
कुल सीटें: 243 Bihar Chief Electoral Office+4Wikipedia+4India Today+4वोटिंग टर्नआउट: लगभग 67.14%, जो कि राज्य की अब तक की उच्चतम रिकॉर्ड में से एक है। Wikipedia+1
Bharatiya Janata Party (BJP)-समर्थित National Democratic Alliance (NDA) गठबंधन ने लगभग 200+ सीटों पर जीत हासिल की। NDTV+2The Indian Express+2
विपक्षी Rashtriya Janata Dal (RJD)-केंद्रित Mahagathbandhan काफी पीछे रह गया। The Indian Express+1
निष्कर्ष
2025 के बिहार चुनाव नतीजे एक संदेश देते हैं:🔹 जनता ने स्थिर सरकार को चुना, प्रयोगों को नहीं।
🔹 NDA ने उत्तर बिहार, मगध, सीमांचल, मिथिला—हर क्षेत्र में झंडा गाड़ा।
🔹 महागठबंधन को अब आत्मचिंतन की ज़रूरत है कि जनता उनसे इतना दूर क्यों हो गई।
विश्लेषकों के अनुसार यह प्रवृत्ति इस बात का संकेत हो सकती है कि राज्य में राजनीतिक परिदृश्य बदल रहा है।
महिलाओं की बढ़-चढ़कर रिकॉर्ड भागीदारी-
सबसे ध्यान देने योग्य पहलू यह है कि इस रिकॉर्ड मतदान के पीछे महिलाओं की सक्रिय भागीदारी रही है। ग्रामीण एवं शहरी दोनों क्षेत्रों में महिलाओं की लंबी कतारें देखी गईं, और कई बूथों पर महिलाओं की संख्या पुरुषों से भी अधिक मिलने की जानकारी है।
विशेष रूप से, राज्य की Jeevika योजना से जुड़े “जीविका दीदियों” ने इस बड़ा भूमिका निभाई — उन्होंने मतदान केंद्रों तक अन्य महिलाओं को प्रेरित किया और मतदान प्रक्रिया को सरल बनाने में योगदान दिया।
क्या मतलब है इस रिकॉर्ड का? किधर जा रहे मतदाता ?
इस तरह की मतदान दर हमेशा से ही राजनीतिक विश्लेषकों द्वारा संकेत के रूप में देखी जाती है — कभी-कभी यह परिवर्तन की लहर का सूचक होती है, तो कभी यह वर्तमान सरकार के प्रति समर्थन भी दिखाती है।एक ओर, प्रवृत्ति यह दिखा रही है कि जनता सक्रिय रूप से भाग ले रही है, और पार्टियाँ सिर्फ घोषणाओं तक सीमित नहीं रहें।
दूसरी ओर, उच्च मतदान यह भी संकेत कर सकता है कि महिला-मतदाता और युवा वोटरों ने अपनी भूमिका बढ़ाई है।
लेकिन यह कहना अभी जल्दबाजी होगी कि यह किस गठबंधन या सरकार के लिए लाभ-दायक होगा — सत्ता पक्ष तथा विपक्ष दोनों ने इसे अपनी ओर झुकाव वाला माना है।
सरकार किसकी बनेगी?
मुख्य दो गठबंधन हैं:जनता दल (यूनाइटेड)-नेतृत्व वाला राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA)
राष्ट्रीय जनता दल-भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस-नेतृत्व वाला महागठबंधन (Mahagathbandhan)
पहले चरण के मतदान के बाद दोनों ही गठबंधनों ने उत्साह व्यक्त किया है। NDA का दावा है कि महिलाओं-युवाओं के बढ़-चढ़ के मतदान ने उन्हें मजबूत बनाया है।
किन बिंदुओं पर नजर बनी रहनी चाहिए
महिलाओं के मतदान की दिशा: अगर महिला वोटरों का झुकाव किसी विशेष गठबंधन की ओर रहा तो यह बड़ा इंडिकेटर बन सकता है।
ग्रामीण-शहरी मतदान दर का अंतर: ग्रामीण क्षेत्रों में मतदान अधिक हुआ है, शहरी भागीदारी अभी लिए कमजोर रही है।
अगले चरण (दूसरे चरण) में क्या होगा: पहले चरण का उत्साह दूसरे चरण को किस तरह प्रभावित करेगा, यह महत्वपूर्ण होगा।
परिणाम-दिन तक मतदाता ध्रुवीकरण नहीं हुआ है — मतदान दर उच्च होने का मतलब स्वचालित जीत नहीं।
By NewsBell7 Desk | 5 नवंबर 2025 | पटना
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के पहले चरण का प्रचार आज शाम आधिकारिक तौर पर थम गया है। राज्य की सियासत में जहां नेता आखिरी वक्त तक रैलियों और रोडशो में जुटे रहे, वहीं इस बीच केंद्रीय मंत्री और जेडीयू नेता राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह पर विवादित बयान को लेकर FIR दर्ज होने से माहौल गरम हो गया है।
बिहार के 121 विधानसभा सीटों पर पहले चरण का मतदान 6 नवंबर को होगा।
इस चरण में लगभग 3.75 करोड़ मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे।
कुल 1,314 उम्मीदवार मैदान में हैं, जिनमें प्रमुख चेहरों में जेडीयू, बीजेपी, आरजेडी, कांग्रेस और वामदल के प्रत्याशी शामिल हैं।
प्रचार के आखिरी दिन पीएम नरेंद्र मोदी, राहुल गांधी, नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव जैसे नेताओं ने ताबड़तोड़ रैलियाँ कीं
ललन सिंह पर FIR — क्या है पूरा मामला?
पटना के बिहटा में एक चुनावी सभा के दौरान ललन सिंह का एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें वे कथित तौर पर अपने समर्थकों से कहते दिखे —
“कुछ नेताओं को वोट के दिन घर के अंदर ही रखना चाहिए... ज़्यादा शिकायत करें तो वोट दिला कर घर सुला दो।”
इस बयान पर विपक्ष ने जमकर हंगामा किया और राजद (RJD) ने इसे “मतदाताओं को डराने की कोशिश” बताया।
इस मामले में चुनाव आयोग के आदेश पर पटना पुलिस ने FIR दर्ज की है।
- FIR में लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम और भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराएँ लगाई गई हैं।
पटना डीएम व एसपी ने बयान की जांच के लिए विशेष टीम गठित की है।
जेडीयू ने सफाई देते हुए कहा है कि “ललन सिंह के बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया है।”
विपक्ष का हमला
राजद नेता तेजस्वी यादव ने कहा, “एनडीए नेताओं को जब हार नजर आती है तो वे लोकतंत्र को ताककांग्रेस ने भी इसे “चुनाव आचार संहिता का खुला उल्लंघन” बताया है और FIR की कॉपी आयोग को भेजी है।
चुनाव आयोग की सख्ती
चुनाव आयोग ने जिला प्रशासन को निर्देश दिए हैं कि:मतदान दिवस पर हर बूथ पर सीसीटीवी और पुलिस की निगरानी रखी जाए।
किसी भी प्रकार की धमकी या दबाव की शिकायत पर तुरंत एक्शन लिया जाए।
मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट के उल्लंघन पर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई सुनिश्चित हो।
आगे क्या?
पहले चरण का मतदान 6 नवंबर (बुधवार) को सुबह 7 बजे से शाम 6 बजे तक होगा।दूसरे और तीसरे चरण का प्रचार अब तेज़ी से शुरू होगा।
सुरक्षा एजेंसियाँ संवेदनशील इलाकों में अतिरिक्त फोर्स तैनात करने की तैयारी में हैं।
प्रशांत किशोर की 'जन सुराज पार्टी' ने 'भोरे सीट' से प्रीति किन्नर को दिया टिकट, कौन है ये प्रीति किन्नर ?
NB7-नई दिल्ली:
बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर प्रशांत किशोर की पार्टी जन सुराज ने बिहार में 51 उम्मीदवारों को मौका दिया है. JSP ने 'भोरे विधानसभा' से ट्रांसजेंडर प्रीति किन्नर को उम्मीदवार बनाया है. 41 वर्षीय प्रीति किन्नर 2008 से समाजसेवी हैं.
कोरोना के दौरान प्रीति तब चर्चा में आईं जब वे लोगों के घरों में खाना पहुंचा रही थीं. उन्होंने सैकड़ों लोगों को अपने रुपयों से राशन भी पहुंचाया. इससे पहले वे बहुत सी गरीब लड़कियों की शादी करवाती थीं. लोगों से बधाई के रूप में मिले पैसे और क्राउड फंडिंग के जरिए उन्होंने यह सारे काम किए हैं.
प्रीति किन्नर स्वतंत्र उम्मीदवार के तौरपर पिछले साल से विधानसभा चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही थीं. उनकी समाजसेवी सक्रियता देखकर जनसुराज ने उन्हें पार्टी में शामिल होने का न्योता दिया और अब भोरे से उम्मीदवार बनाया है.
भोरे से फिलहाल सुनील कुमार विधायक हैं, जो राज्य में शिक्षा मंत्री भी हैं।
पिछले चुनाव में लोजपा ने उतारा था किन्नर उम्मीदवार, इसी 'हथुआ सीट' से लोक जनशक्ति पार्टी ने रामदर्शन प्रसाद उर्फ मुन्ना किन्नर को अपना उम्मीदवार बनाया था. उस वक्त मुन्ना किन्नर को 9894 वोट मिले थे. मुन्ना किन्नर जिला परिषद सदस्य रहे हैं.



