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Brain Stroke Symptoms and Preventions

Beat the Brain Stroke Attack:  Symptoms, Prevention, and How to Act Fast to Save Our Lives

स्ट्रोक: एक साइलेंट किलर?
जिसका शिकार बने मशहूर हस्तियों से लेकर आम आदमी तक



Newsbell7 Delhi - 
ब्रेन स्ट्रोक डे (29.10.2025) पर जानिए इसके लक्षण और बचाव के आसान तरीके :-

स्ट्रोक एक ही झटके में आपकी दुनिया बदल सकता है? स्ट्रोक कोई साधारण बीमारी नहीं है, यह एक आपात स्थिति है।

क्या आपने कभी सोचा है कि कोई व्यक्ति जो अपनी जिंदगी में पूरी तरह से फिट और एक्टिव हो, अचानक बीमार पड़ जाए और फिर कभी न उठे? स्ट्रोक ऐसी ही एक जानलेवा और चौंकाने वाली स्थिति है, जो किसी को भी, कहीं भी और कभी भी हो सकती है।

भारत में हर साल लाखों लोग स्ट्रोक के शिकार होते हैं, जिनमें से कई समय पर इलाज न मिल पाने के कारण अपनी जान गंवा देते हैं। लेकिन अगर सही समय पर इसकी पहचान कर ली जाए, तो जान बचाई जा सकती है। (स्रोत: इंडियन स्ट्रोक एसोसिएशन )

भारत में हर चार मिनट में एक मरीज स्ट्रोक से मरता है इसलिए यह पोस्ट आपको स्ट्रोक से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी, उसके लक्षण, और बचाव के तरीके बताएगी, और साथ ही कुछ प्रसिद्ध भारतीय हस्तियों के उदाहरण भी देगी, जिन्होंने इस बीमारी के कारण अपनी जान गंवा दी।

जब स्ट्रोक ने प्रसिद्ध हस्तियों को भी नहीं छोड़ा

कई मशहूर हस्तियों, जो अपनी फिटनेस के लिए जाने जाते थे, उनकी भी जान स्ट्रोक ने ले ली।

स्ट्रोक के बारे में अक्सर यह गलत धारणा होती है कि यह सिर्फ बुजुर्गों को होता है या फिर जो लोग बीमार रहते हैं, उन्हें ही होता है।

धीरूभाई अंबानी: भारत के जाने-माने उद्योगपति धीरूभाई अंबानी का निधन 2002 में स्ट्रोक के कारण हुआ था। उन्होंने पहले भी 1986 में स्ट्रोक का सामना किया था, जिसके बाद उनका दाहिना हिस्सा लकवाग्रस्त हो गया था।

ऐन्द्रिला शर्मा: युवा बंगाली अभिनेत्री ऐन्द्रिला शर्मा का निधन 24 साल की उम्र में ब्रेन स्ट्रोक के कारण हुआ था। वह दो बार कैंसर से बच चुकी थीं, लेकिन स्ट्रोक के बाद उन्हें कई कार्डियक अरेस्ट आए और उनका निधन हो गया।

नीरज वोरा: जाने- माने अभिनेता और निर्देशक नीरज वोरा भी स्ट्रोक से पीड़ित थे। अक्टूबर 2016 में ब्रेन स्ट्रोक के बाद वह कोमा में चले गए और एक साल से अधिक समय तक जीवन के लिए संघर्ष करते रहे, जिसके बाद उनका निधन हो गया

सुरेखा सीकरी: तीन बार राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता अभिनेत्री सुरेखा सीकरी का निधन 2021 में दूसरे ब्रेन स्ट्रोक के बाद हुआ। उनकी उम्र 75 थी, और उन्हें दिल की बीमारी भी थी, जिसने स्ट्रोक के खतरे को बढ़ा दिया था।

वी. एस. अच्युतानंदन: केरल के पूर्व मुख्यमंत्री वी.एस. अच्युतानंदन का निधन 101 साल की उम्र में 2025 में हुआ। वह 2019 में स्ट्रोक के बाद से सार्वजनिक जीवन से दूर थे।





भारत ही नहीं दुनिया भर में ब्रेन स्ट्रोक से बहुत से जाने माने लोग अपनी जान गवां बैठे 

Famous people who died from a sudden stroke

Luke Perry: The Beverly Hills, 90210 and Riverdale actor suffered a massive ischemic stroke in February 2019 at the age of 52. He died five days later after being placed on heavy sedation in the hospital.

John Singleton: The Oscar-nominated director of Boyz N the Hood was hospitalized after a massive stroke and died on April 29, 2019, at age 51.

Jaswinder Bhalla: The popular Punjabi actor and comedian suffered a brain stroke in August 2025 and passed away at age 65 after being hospitalized.

Franklin D. Roosevelt: The former U.S. President died from a hemorrhagic stroke in 1945.

ऊपर दिए गए उदाहरणों से हमें यह समझना चाहिए कि स्ट्रोक किसी भी उम्र और पृष्ठभूमि के व्यक्ति को हो सकता है।
क्या होता है स्ट्रोक?
स्ट्रोक को आम भाषा में "ब्रेन अटैक" भी कहते हैं। यह तब होता है जब मस्तिष्क में रक्त का प्रवाह बाधित हो जाता है। रक्त का प्रवाह रुकने से मस्तिष्क की कोशिकाओं तक ऑक्सीजन और पोषक तत्व नहीं पहुंच पाते और वे मरने लगती हैं। 

स्ट्रोक दो मुख्य प्रकार के होते हैं:

इस्केमिक स्ट्रोक: यह सबसे आम प्रकार है, जिसमें मस्तिष्क तक रक्त ले जाने वाली धमनी में रुकावट आ जाती है। 80% लोग इसी की वजह से हॉस्पिटल में एडमिट होते हैं इस स्थिति से आसानी से बचा जा सकता है यदि मरीज तुरंत हॉस्पिटल पहुंच जाए और उसे समुचित इलाज मिल जाय तो।  

हेमरेजिक स्ट्रोक: यह तब होता है जब मस्तिष्क में कोई रक्त वाहिका फट जाती है और खून बहने लगता है। यह अधिक खतरनाक होता है। 20 %  लोग इसकी वजह से हॉस्पिटल पहुंचते हैं और ये स्थिति ज्यादा खतरनाक होती है अधिकतर मरीज ICU में ही डीएम तोड़ देते हैं।  

अगर दुनिया भर की बात करें तीन सेकेण्ड में दुनिया में एक स्ट्रोक होता है और ये उस व्यक्ति के नजदीक चिकित्सा सुविधा पर निर्भर करता है की उसकी जान बचेगी या नहीं ।  सौजन्य से - (https//:www.who.int )

Brain Stroke ब्रेन स्ट्रोक किस स्थिति में जानलेवा बन जाता है ?

ब्रेन स्ट्रोक के कारण जब दिमाग के भीतर नसों में बहने वाले रक्त (खून )के बहाव में किसी भी वजह से रूकावट आती है जिससे दिमाग की कोशिकाओं को पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिल पाती, जिसके कारण दिमाग की कोशिकाएं टूटने या मरने लगती हैं या फटने लगती हैं।  अचानक मृत्यु के लिए ऐसी स्थिति सबसे अधिक भयानक हो जाती है और मरीज को बचाना लगभग असंभव हो जाता है।  
मस्तिष्क या दिमाग की नसों का फटना या कोशिकाओं का मरना या क्षतिग्रत होना : अचानक अत्यधिक रक्तदाब (हाई ब्लड प्रेशर ) के कारण यदि दिमाग की नसें फट गयी हैं और उनसे रक्स्राव होने लगे, ऐसी स्थिति से निपटना लगभग असंभव सा हो जाता है और मरीज को बचा पाना मुश्किल हो जाता है।  
मस्तिष्क या दिमाग में किसी भी वजह से आयी सूजन : यदि मस्तिष्क या दिमाग में सूजन आ जाती है तो उसका सही तरीके मस्तिष्क के चिकित्सक द्वारा समुचित और समय रहते इलाज किया जाना जरूरी हो जाता है ऐसी स्थिति में अज्ञानता या लापरवाही मृत्यु का कारण बनती है।  
अत्यधिक मस्तिष्क की नसों का मरना या क्षतिग्रस्त हो जाना: ऐसी स्थिति में शरीर का प्राकृतिक रक्त बहाव पर शरीर का नियंत्रण नहीं रहता, ऐसे मरीज सिर्फ हॉस्पिटल में ही जीवित रह सकते हैं जबतक की उनका शरीर फिर से अपना नियंत्रण खुद से न करने लगे अन्यथा ऐसे व्यक्ति अपनी जान गवां देते हैं।  

स्ट्रोक के लक्षण: FAST को याद रखें

स्ट्रोक के लक्षणों को पहचानना बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि समय पर उपचार मिलने पर ही रोगी की जान बचाई जा सकती है।

इन लक्षणों को याद रखने के लिए FAST सूत्र का उपयोग किया जाता है:

F (Face Drooping): क्या व्यक्ति के चेहरे का एक हिस्सा नीचे की ओर झुक रहा है? अगर उसे मुस्कुराने को कहें तो क्या उसकी मुस्कान एक तरफ झुकी हुई है? आसान शब्दों में चेहरे का टेढ़ा होना या दूसरा कोई विकार दिखने लगना।  

A (Arm Weakness): क्या एक बांह में कमजोरी या सुन्नपन महसूस हो रहा है? अगर उसे दोनों बांहें उठाने को कहें, तो क्या एक बांह नीचे गिर जाती है?

S (Speech Difficulty): क्या व्यक्ति को बोलने में परेशानी हो रही है या उसकी आवाज लड़खड़ा रही है? क्या वह बेतुकी बातें कर रहा है? या भूलने की आदत बढ़ रही है 

T (Time to Call): यदि आपको इनमें से कोई भी लक्षण दिखाई दे, तो तुरंत नजदीक के चिकित्सक या चिकित्सालय के आपातकालीन सेवा को कॉल करें।

स्ट्रोक के जोखिम और बचाव के तरीके

कुछ साधारण जीवनशैली से जुडी समस्याएं जो स्ट्रोक की संभावना को बढ़ाते हैं:

च्च रक्तचाप (High BP): यह स्ट्रोक का सबसे बड़ा जोखिम कारक है। यदि रक्तचाप 140 - 90 से ऊपर जा रहा है और दवाइयां लेने पर भी नीचे नहीं आ रहा है तो समझ लेना चाहिए कुछ बड़ी परेशानी आने वाली है तुरंत किसी स्ट्रोक ट्रॉमा सेण्टर या हॉस्पिटल से संपर्क करें 

मधुमेह (Diabetes): मधुमेह के रोगियों में स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है।

अनिद्रा या रात में कम नींद लेना : उपयुक्त नींद न लेना भी इसके मुख्य कारणों में गिना जाता है जब मस्तिष्क को पूरा आराम नहीं मिलता तब उसका नियंत्रण शरीर के जरूरी कार्यप्रणाली को नियंत्रित नहीं क्र पाता और शरीर में बहुत सी समस्याएं पैदा होने लगती हैं जिसमें उच्च रक्त दाब, सरदर्द, सर में भारीपन, चिड़चिड़ापन, पेट की समस्याएं, लगातार एसिडिटी, शूगर आदि, ये सभी लक्षण लोगों में धीरे से बहुत बड़ी समस्याओं को जन्म देने के लिए काफी हैं।  

अव्यवस्थित जीवनशैली: धूम्रपान, अत्यधिक शराब का सेवन, मोटापा, और शारीरिक की अत्यधिक कम गतिविधि भी स्ट्रोक का कारण बन सकती है।

हृदय रोग: दिल से जुड़ी बीमारियां, जैसे अनियमित धड़कन (अरिथमिया), स्ट्रोक का खतरा बढ़ाती हैं।

Stroke से बचाव के लिए क्या करें?

स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं: नियमित व्यायाम करें, संतुलित आहार लें, और धूम्रपान व शराब का सेवन छोड़ें।
रोज कम से कम 30 मिनट व्यायाम करें या 4 - 5 किलोमीटर पैदल चलें, यदि लगातार बैठने का काम करते हैं तब भी बीच बीच में उठ कर थोड़ा चलें या ( कसरत को अपनी जीवन शैली में ढालें )  

रक्तचाप (हाई BP) नियंत्रित रखें: अगर आपको उच्च रक्तचाप की समस्या है, तो डॉक्टर की सलाह का पालन करें। साथ ही अपने रक्तचाप पर घर पर भी नजर रखें।   आजकल काफी कम कीमत में ब्लड प्रेशर नापने की इलेक्ट्रॉनिक मशीने आ जाती हैं उनकी सहायता लें  

नियमित जांच कराएं: अगर आप डायबिटीज या दिल के मरीज हैं, तो नियमित रूप से जांच कराएं।

संतुलित भोजन  : ह्रदय को सुरक्षित रखने वाली जीवनशैली और संतुलित भोजन जो उच्च रक्त दाब को नियंत्रित रखते हैं, लें।  

शराब व् धूम्रपान (सिगरेट बीड़ी ): मदीरा और धूम्रपान रक्त, फेफड़े और हृदय की समस्याओं को जन्म ही नहीं देते बल्कि बढ़ा भी देते हैं इसलिए इनसे दूर रहकर आप बहुत सी स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्याओं से आसानी से बच सकते हैं। 
अपवादों पर ध्यान न दें।  मसलन यदि कोई व्यक्ति ये सब करने के बाद भी भी स्वस्थ लग रहा है तो है तो हो सकता है उसका शरीर आपके शरीर जैसा नहीं है, सबका शरीर हर समस्या से अलग तरिके से लड़ता है, इसलिए किसी की नक़ल न करें  

रोज अच्छी नींद लें : अपने सोने और सुबह उठने को नियमित करें, व्यर्थ में न जागें, रोज कम से कम 7 घंटे की नींद लें।  

मैडिटेशन की आदत डालें : दिमागी सुकून या आराम के लिए नियमित मैडिटेशन एक अच्छी आदत है और इसका फायदा दुनिया भर के लोग उठा रहे हैं साथ ही उनकी दवाइयों पर निर्भरता भी कम हुई है, इसलिए मैडिटेशन की सहायता लें और स्वस्थ रहे।  

नमक का सेवन कम करें: अपने रोजाना के भोजन में नमक की मात्रा पर लगाम लगएं, प्रतिदिन 5 ग्राम से ज्यादा नमक का सेवन न करें साथ ही समय समय पर अपना सोडियम और पोटासियम टेस्ट कराते रहे, नमक की अधिक मात्रा भी उच्च रक्तचाप के लिए सीधे है इसलिए नमक के सेवन पर पूरा नियंत्रण करें।  

अंत में :

स्ट्रोक से घबराएं नहीं, मरीज को लिटाएं तथा उसका सिर 30 डिग्री ऊपर ही रखें, उसे कुछ भी खिलाएं या पिलाएं नहीं।  तुरंत मरीज को हॉस्पिटल पहुचाएं  
आपके समझदारी से और सही समय पर उसे हॉस्पिटल तक पहुंचने से उसकी जान बच सकती है।  

जबकि स्ट्रोक एक गंभीर और जानलेवा बीमारी है, लेकिन सही जानकारी और त्वरित कार्रवाई से इसकी गंभीरता को कम किया जा सकता है। 

मशहूर हस्तियों के उदाहरण हमें यह याद दिलाते हैं कि कोई भी व्यक्ति इस बीमारी से सुरक्षित नहीं है। इसलिए, स्ट्रोक के लक्षणों को पहचानना जरूरी भी है इसलिए इससे बचाव के कारण जानें और सीखें, जिससे समय रहते आपातकालीन स्थिति में तुरंत मदद ली जा सके । आपके और आपके प्रियजनों के स्वास्थ्य की सुरक्षा आपके हाथ में है।