कौन हैं आयरन लेडी "मारिया कोरिना मचाडो"
नॉर्वे की नोबेल समिति ने इस साल का नॉबेल शांति पुरस्कार 2025 वेनेज़ुएला की विपक्षी नेता मारिया कोरिना माचाडो (María Corina Machado) को देने की घोषणा की है।
उन्हें यह पुरस्कार तानाशाही शासन के खिलाफ शांतिपूर्ण लोकतांत्रिक संघर्ष और नागरिक अधिकारों की रक्षा के लिए मिला है।
उन्होंने सरकारी दमन, गिरफ्तारी के खतरे और प्रतिबंधों के बावजूद जनता की आवाज़ बनकर काम किया।
कौन हैं मारिया कोरिना माचाडो?
जन्म: 7 अक्टूबर 1967, काराकास, वेनेज़ुएला
शिक्षा: औद्योगिक अभियंता
संस्था: मतदान निगरानी संगठन Súmate की सह-संस्थापक
2011–2014: संसद सदस्य (नेशनल असेंबली)
2023: विपक्षी प्राथमिक चुनावों में ऐतिहासिक जीत
2024: सरकार द्वारा चुनाव लड़ने से प्रतिबंधित
जन्म: 7 अक्टूबर 1967, काराकास, वेनेज़ुएला
शिक्षा: औद्योगिक अभियंता
संस्था: मतदान निगरानी संगठन Súmate की सह-संस्थापक
2011–2014: संसद सदस्य (नेशनल असेंबली)
2023: विपक्षी प्राथमिक चुनावों में ऐतिहासिक जीत
2024: सरकार द्वारा चुनाव लड़ने से प्रतिबंधित
वे लंबे समय से वेनेज़ुएला में लोकतंत्र की सबसे मुखर आवाज़ रही हैं।
तानाशाही से टकराईं, फिर भी झुकी नहींं
सरकार ने उन्हें “राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा” बताकर चुनाव से दूर कर दिया था,
उनके कई सहयोगियों को जेल भेजा गया या देश छोड़ने पर मजबूर किया गया,
फिर भी माचाडो ने शांतिपूर्ण आंदोलन और अंतरराष्ट्रीय समर्थन के ज़रिए लोकतंत्र की लौ जलाई रखी।
नोबेल समिति ने उनके इस साहस को “लोकतंत्र की ज्वाला को जलाए रखने वाला संघर्ष” बताया।
सरकार ने उन्हें “राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा” बताकर चुनाव से दूर कर दिया था,
उनके कई सहयोगियों को जेल भेजा गया या देश छोड़ने पर मजबूर किया गया,
फिर भी माचाडो ने शांतिपूर्ण आंदोलन और अंतरराष्ट्रीय समर्थन के ज़रिए लोकतंत्र की लौ जलाई रखी।
नोबेल समिति ने उनके इस साहस को “लोकतंत्र की ज्वाला को जलाए रखने वाला संघर्ष” बताया।
दरअसल डोनाल्ड ट्रैम्प को उम्मीद थी की इस बार का नोबल शांति पुरूस्कार उन्हें मिलेगा — किन्तु उनका ‘नोबेल’ सपना टूटा।
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप इस वर्ष भी खुद को नॉबेल शांति पुरस्कार का सबसे योग्य दावेदार मान रहे थे।
उनका दावा था कि उन्होंने “मध्य-पूर्व शांति समझौतों” और “इज़राइल-अरब संबंधों में सुधार” के जरिए विश्व शांति में योगदान दिया है।
ट्रंप ने तो सोशल मीडिया पर अभियान चलाया था —
“No one deserves the Nobel Peace Prize more than me.”
लेकिन नॉर्वे की समिति ने इस बार लोकतंत्र के लिए संघर्ष करने वाली मारिया कोरिना माचाडो को विजेता घोषित कर दिया,
जिससे ट्रंप की उम्मीदों पर पानी फिर गया।
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है —
ट्रंप की राजनीतिक शैली हमेशा से “अनिश्चित और प्रतिक्रियात्मक” रही है।
उनके पिछले राष्ट्रपति कार्यकाल (2017–2021) में वेनेज़ुएला पर कई बार कड़े आर्थिक प्रतिबंध लगाए गए थे।
उन्होंने मरिया माचाडो जैसी विपक्षी नेताओं को खुला समर्थन दिया था।
जिससे वेनेज़ुएला सरकार और अमेरिका के बीच रिश्ते पहले से ही तनावपूर्ण रहे हैं।
उनका दावा था कि उन्होंने “मध्य-पूर्व शांति समझौतों” और “इज़राइल-अरब संबंधों में सुधार” के जरिए विश्व शांति में योगदान दिया है।
ट्रंप ने तो सोशल मीडिया पर अभियान चलाया था —
“No one deserves the Nobel Peace Prize more than me.”
लेकिन नॉर्वे की समिति ने इस बार लोकतंत्र के लिए संघर्ष करने वाली मारिया कोरिना माचाडो को विजेता घोषित कर दिया,
जिससे ट्रंप की उम्मीदों पर पानी फिर गया।
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है —
“मारिया ने ट्रंप के नोबेल सपने को शांतिपूर्ण तरीके से चकनाचूर कर दिया।”
ट्रंप की राजनीतिक शैली हमेशा से “अनिश्चित और प्रतिक्रियात्मक” रही है।
उनके पिछले राष्ट्रपति कार्यकाल (2017–2021) में वेनेज़ुएला पर कई बार कड़े आर्थिक प्रतिबंध लगाए गए थे।
उन्होंने मरिया माचाडो जैसी विपक्षी नेताओं को खुला समर्थन दिया था।
जिससे वेनेज़ुएला सरकार और अमेरिका के बीच रिश्ते पहले से ही तनावपूर्ण रहे हैं।
अंतरराष्ट्रीय मामलों के विशेषज्ञों के मुताबिक —
“ट्रंप की नीति व्यक्तिगत भावनाओं से प्रभावित रहती है।
इसलिए यह फैसला उनके कूटनीतिक दृष्टिकोण को और कठोर बना सकता है
