भारत-पाकिस्तान संघर्ष, भारतीय जेट गिराए गए : CDS अनिल चौहान
NB7- नई दिल्ली, 3 जून 2025: भारत के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल अनिल चौहान ने हाल ही में पाकिस्तान के साथ हुए सैन्य संघर्ष में भारतीय वायुसेना (IAF) के लड़ाकू विमानों के नुकसान की पुष्टि की है। यह पहली बार है जब भारत ने आधिकारिक तौर पर इस नुकसान को स्वीकार किया है। हालांकि, जनरल चौहान ने पाकिस्तान के दावे को खारिज कर दिया कि उसने छह भारतीय जेट, जिनमें चार राफेल शामिल थे, मार गिराए। सिंगापुर में शांगरी-ला डायलॉग के दौरान ब्लूमबर्ग और रॉयटर्स को दिए साक्षात्कार में उन्होंने कहा, "संख्या महत्वपूर्ण नहीं है, बल्कि यह समझना जरूरी है कि नुकसान क्यों हुआ और हमने इसके बाद क्या किया।"
क्या था ऑपरेशन सिंदूर?7 मई 2025 को भारत ने ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया, जिसका उद्देश्य पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में नौ आतंकी ठिकानों को नष्ट करना था। यह कार्रवाई 22 अप्रैल को कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में थी, जिसमें 26 लोग मारे गए थे। भारत ने इस हमले के लिए पाकिस्तान समर्थित आतंकियों को जिम्मेदार ठहराया, जिसे इस्लामाबाद ने खारिज कर दिया।
7 मई को शुरू हुए इस सैन्य अभियान में भारत ने लंबी दूरी की ब्रह्मोस मिसाइलों और अन्य हथियारों का इस्तेमाल कर पाकिस्तान के 11 महत्वपूर्ण हवाई अड्डों को निशाना बनाया। हालांकि, पहले दिन भारतीय वायुसेना को कुछ नुकसान हुआ, जिसे जनरल चौहान ने "सामरिक गलतियों" का परिणाम बताया।
https://www.cnn.com/2025/05/31/asia/india-pakistan-kashmir-conflict-jets-int
हालांकि, जनरल चौहान ने इन दावों को "पूरी तरह गलत" बताया और कहा कि नुकसान की संख्या के बजाय यह समझना महत्वपूर्ण है कि ये गलतियाँ क्यों हुईं। उन्होंने कहा, "हमने तुरंत अपनी रणनीति में सुधार किया और 8 और 10 मई को और सटीक हमले किए।" भारतीय वायुसेना ने लंबी दूरी की हमलों की रणनीति अपनाई, जिससे पाकिस्तान को भारी नुकसान हुआ।कश्मीर विवाद और परमाणु युद्ध की आशंकाजनरल चौहान ने बताया कि भारतीय सेना ने अपनी गलतियों का विश्लेषण किया और 48 घंटों के भीतर रणनीति में बदलाव कर लिया। इसके बाद भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के अंदर गहरे तक सटीक हमले किए, जिसमें पाकिस्तान के भोलारी हवाई अड्डे पर एक साब 200 AEW&C विमान और चार पश्चिमी मूल के जेट नष्ट हुए। भारत ने दावा किया कि इन हमलों ने पाकिस्तानी वायुसेना को पांच साल पीछे धकेल दिया।
पाकिस्तान ने भी जवाबी कार्रवाई की, जिसमें ड्रोन हमलों और मिसाइलों का इस्तेमाल किया गया, लेकिन भारत की हवाई रक्षा प्रणाली ने इनमें से कई हमलों को नाकाम कर दिया। 10 मई को दोनों पक्षों ने युद्धविराम की घोषणा की, जिसे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मध्यस्थता का श्रेय लिया, हालांकि भारत ने इसे शिमला समझौते का उल्लंघन बताया।
जनरल चौहान के बयान ने भारत में राजनीतिक तूफान खड़ा कर दिया। विपक्षी नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने इस नुकसान को राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर बताया और सामरिक समीक्षा की मांग की। वहीं, बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने दावा किया कि कम से कम पांच भारतीय जेट नष्ट हुए, जिससे सत्तारूढ़ दल पर दबाव बढ़ गया।
पाकिस्तान ने दावा किया कि उसने चीनी मूल के J-10C जेट और PL-15E मिसाइलों का इस्तेमाल कर भारतीय जेट्स को मार गिराया। हालांकि, जनरल चौहान ने कहा कि पाकिस्तान के चीनी और तुर्की हथियार "प्रभावी नहीं" थे।
यह संघर्ष भारत-पाकिस्तान संबंधों में एक और तनावपूर्ण अनुभव रहा।